Top 100 Mahakal status | Bholenath status

 Top Mahakal status

#JAY BABA MAHAKAL



● ब्रह्म अनामय अज भगवंता,
ब्यापक अजित अनादि अनंता।
#कण-कण में महादेव
 
 
● यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय॥
ॐ नमः शिवाय

Mahakal status



मृत्युंजायाय रुद्राय नीलकंठाय शंभवे l
अमृतेशाय शर्वाय महादेवाय ते नम: ll
|| ॐ महाकालाय नम: शिवाय ||

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महाकाल / mahadev mantra status hindi


● न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम्।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो॥

भावार्थ सरल शब्दों में:-
ना ही मैं योग जनता हूँ, और ना ही जप और पूजा पाठ। हे प्रभु (महादेव ) मैं तो आपको बार बार नमस्कार करता हूँ, बुढ़ापा जन्म और मृत्यु के कष्टों से दुखी मेरी दुखो से रक्षा कीजिये। हे प्रभु (महादेव) मैं आपको नमस्कार करता हूँ। 


 ● ॐ मस्तक ‪चन्द्रमा‬ सोहे,
गंग जटा‬ के बीच,
 ‪श्रद्धा‬ से ‪‎शिवलिंग‬ को,
 निर्मल जल मन से सीच !! 
भोले भंडारी महाकाल की जय 




● ॐ अवदात नहीं किसी से,
ना टूटी तक़दीर है 
महाकाल के भक्त है 
हम ये हमारे माथे की लकीर है। 



● ॐ ऊँचे कैलास पर है डेरा डाला,
अद्भुत अनुपम रूप निराला,
जटा में गंगा, नीलकंठ त्रिशूल धरी है,
त्रिपुरारी महादेव भक्तो पर कृपा करि है,
सच्चे मन से पूजा सिव को,
कस्ट काटेंगे तन मन जीवन के। 

रूद्र गायत्री मंत्र  
● ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥



● सबसे बड़ा तेरा दरबार है ,
 तू ही सबका पालनहार है …
 सज़ा दे या माफ़ी दे, 
महादेव तू ही हमारी सरकार है।


One Love Mahadev (मेरे महाकाल)


महामृत्युंजय मंत्र {Mahamrityunjay mantra}

● ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌।
उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ [

त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला।
यजामहे - हम पूजा करते है। 
सुगंधिम- मीठी महक वाला।
पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति / जीवन की परिपूर्णता। 
वर्धनम- वह जो पालन करता है / शक्ति देता है।
उर्वारुक- ककड़ी।
इवत्र- इस तरह।
बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
मृत्यु- मृत्यु से। 
मुक्षिया, मुक्ति दें।
अमृतात- अमरता /मोक्ष।

महामृत्युंजय मंत्र का सरल अनुवाद [Mhadev mantra arth hindi main ]

इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं।



● जटा कारी भस्म धरी नीलकंठ त्रिपुरारी है,
तांडव कारी, क्रोध धारी, हर हर महादेव भोले भंडारी है,

सम्पूर्ण महामृत्युंजय मंत्र' Mahadev Mahamrityunjay mantra Status]


ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः,
ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌।
उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ'


● सिर उठा के चलते है, महादेव के मेहरबानी है…
भोलेनाथ की भक्ति करना मेरे जीवन की कहानी है।


● ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम
जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः


● महाकाल की सेवा जिसको मिले सबसे बड़ा धनवान है वो....
महाकाल की लगन जिसको लगी किस्मत वाला इंसान है वो।
जय श्री महाकाल



● जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-
धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः।।

 

१. ॐ जुं स:  
२. ॐ हौं जूं स:
३. ॐ ह्रीं नम: शिवाय
४. ॐ ऐं नम: शिवाय
५. ॐ पार्वतीपतये नमः 
६. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय
महादेव [mahadev mantra sanskrit status]

● 'कर-चरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम,
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व,
जय-जय करुणाब्धे, श्री महादेव शम्भो॥'



अर्थात --
 हाथों, पैरों, वाणी, शरीर, कर्म और कर्णों से, अथवा अपने नेत्रों से व मन से भी हमने जो अपराध किए हों, वे विहित हों अथवा अविहित, उन सबको है करुणासागर महादेव शम्भो! क्षमा कीजिए। हे करुणानिधन जगत पति महादेव आपकी जय हो, जय हो। 

mahakal status in sanskrit[ महाकाल कोट्स ] 

● ॐ त्र्यम्बकं य्यजामहे सुगन्धिम्पतिवेदनम्।
उर्व्वारूकमिव बन्धनादितोमुक्षीय मामुत:।।


● नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय॥


● अंगारों से श्रृंगार कर, तांडव करें प्रचंड,
महाकाल के दास हैं, तीन लोक नौ खंड..
शक्ति अग्नि रूप है, शिव शम्भू महाकाल,
शव में शिव का वास हो, शैशव बने त्रिकाल..


'रुद्राष्टकम'


भगवांन शिव बहुत जल्द ही अपने भक्तो पर प्रसन्न ही जाते है इसलिए उन्हें "आशुतोष" कहा जाता है। भगवान शिव जी का श्लोक पढ़ने में जितना मनोहक होता है उतना सुनाने में भी निचे 'रुद्राष्टकम' 

'रुद्राष्टकम'



१. नमामीशमीशान निर्वाणरूपं । विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं । चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्।।


अर्थात -
 हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईश्वर, और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार करता हूं. निज स्वरूप में स्थित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन, आकाश रूप शिवजी मैं आपको नमस्कार करता हूं। 



२. निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं । गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्। 
करालं महाकालकालं कृपालं । गुणागारसंसारपारं नतोऽहम्।।
अर्थात -
हे निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय अर्थात तीनों गुणों [वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों ]से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे परमेशवर को मैं नमस्कार करता हूं। 



३. तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं । मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्। 
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा । लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा।।
अर्थात -
जो हिमाचल के समान गौरवर्ण तथा गंभीर हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है, जिनके सिर पर सुंदर नदी गंगाजी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर द्वितीया का चन्द्रमा और गले में सर्प सुशोभित है। 


४. चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं । प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्। 
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं । प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि।।
अर्थात -
जिनके कानों में कुण्डल शोभा पा रहे हैं. सुन्दर भृकुटी और विशाल नेत्र हैं, जो प्रसन्न मुख, नीलकण्ठ और दयालु हैं. सिंह चर्म का वस्त्र धारण किए और मुण्डमाल पहने हैं, उन सबके प्यारे और सबके नाथ श्री शंकरजी को मैं भजता हूं उनको नमन करता हूँ। 



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